आज देश दे रहा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 101वीं जयंती की श्रद्धांजलि

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर उन्हें याद किया। PM मोदी ने ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी

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आपको बता दें कि इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को हुआ था, जबकी 31 अक्टूबर 1984 को  उनके अंगरक्षक बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। 1, सफदरजंग रोड, नई दिल्ली में स्थित प्रधानमंत्री निवास पर ही उनकी हत्या की गई थी। दोनों सिख अंगरक्षकों ने उनके शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया था उनकी हत्या के बाद दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में सिखों पर हमले हुए, जिसमें हजारों की मौत हुई।Image result for आज देश दे रहा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 101वीं जयंती की श्रद्धांजलि

भारतीय राजनीति के इतिहास में एक बेहद मजबूत इरादों वाली राजनेता के रूप में विख्यात इंदिरा गांधी को कठोर फैसले लेने वाली प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाता है। उन्होंने अपनी दृढ़ता का परिचय सिर्फ अपने राजनीतिक फैसले लेकर ही नहीं दिया बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी उतनी ही मजबूत ‌इरादों में से थीं। आयरन लेडी के रूप में विख्यात पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ का निर्माण किया था। उनकी प्रसिद्धि देश ही नहीं विदेशों में भी रही. फ्रांस जनमत संस्थान के सर्वेक्षण के अनुसार वह 1967-68 में  फ्रांस की  सबसे लोकप्रिय महिला थी। 1971 में  अमेरिका के  विशेष गैलप सर्वेक्षण के अनुसार वह दुनिया की सबसे लोकप्रिय महिला थी।

18 मई, 1974 को बुद्ध जयंती के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक फोन का इंतजार कर रही थीं। तभी उनके पास एक वैज्ञानिक का फोन आता है और वह कहते हैं कि बुद्ध मुस्कुराये. इस संदेश का मतलब था कि पोखरण परमाणु परीक्षण सफल रहा। इसके बाद दुनिया में भारत पहला ऐसा देश बन गया था जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य न होते हुए भी परमाणु परीक्षण करने का साहस किया। इस पूरे ऑपरेशन के बारे में इंदिरा के अलावा कुछ ही लोगों को इसकी जानकारी थी। रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम को भी ऑपरेशन सफल होने के बाद ही जानकारी हो पायी थी।

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