झारखंड: बिजली की चपेट में आने से एक बच्चे की मौत

झारखंड के बोकारो में आसमानी बिजली की चपेट में आने से एक बच्चे की मौत हो गई है जबकि दूसरा गंभीर रूप से झुलस गया है। 

स्टार एक्सप्रेस

डेस्क. झारखंड के बोकारो जिले में आसमानी बिजली का कहर देखने को मिला है। बृहस्पतिवार गोमिया प्रखंड में नेरकी खुर्द टोला में वज्रपात की चपेट में आने से 6 साल के बच्चे सगुन मुर्मू की मौत हो गई। जबकि, साथ में खेल रहा 10 साल का बच्चा सचिन मुर्मू गंभीर रूप से झुलस गया है। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. हादसे के बच्चों के परिवार में मातम पसर गया और परिजनों के रो-रोकर बुरा हाल है।

घर से बाहर खेल रहे थे बच्चे

मौके पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक झंडी टोला के रहने वाले रामसागर मुर्मू का बेटा सगुन मुर्मू और सुरेश मुर्मू का बेटा सचिन मुर्मू शाम को खलिहान में खेल रहे थे। अचानक मौसम बदलने के साथ ही हल्की बारिश होने लगी. घरवालों को पता नहीं चला की बच्चे बाहर खलिहान में खेल रहे हैं। इसी दौरान तेज आवाज के साथ वज्रपात हुआ, जिसकी चपेट में दोनों बच्चे आ गए। हादसे के बाद आनन-फानन में दोनों बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोमिया में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने सगुन को मृत घोषित कर दिया। जबकि, सचिन का इलाज चल रहा है।

झारखंड के लिए बड़ी आपदा है आसमानी बिजली

यहां ये भी बता दें कि, भारतीय मौसम विभाग ने थंडरिंग और लाइटनिंग के खतरों को लेकर देश के जिन 6 राज्यों को सबसे संवेदनशील के तौर पर चिन्हित किया है, झारखंड भी उनमें एक है। आसमानी बिजली का कहर झारखंड के लिए एक बड़ी आपदा है। झारखंड में एक गांव ऐसा भी है जहां जब भी बिजली कड़कती है तो लोग सहम जाते हैं। आसमानी बिजली ने इस गांव में इतनी तबाही मचाई है कि इसका नाम ही वज्रमरा पड़ गया है। संभव है कि ये पूरे देश का अकेला ऐसा गांव है, जहां पूरे साल में 500 से भी ज्यादा बार आसमानी बिजली गिरती है. इस गांव का शायद ही कोई ऐसा परिवार है, जिसने वज्रपात की वजह से जान-माल का नुकसान ना उठाया हो।

जानें कैसे रह सकते हैं सुरक्षित

– वज्रपात के दौरान पेड़ों के नीचे शरण लेना सबसे खतरनाक है, ऐसा कभी ना करें।
– आसमान में बिजली कड़क रही हो और सुरक्षित स्थान पर नहीं जा पा रहे हैं, तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक और बोरा में से कोई एक अपने पैरों के नीचे रख लेना चाहिए।
– ऐसे समय दोनों पैरों को आपस में सटा लेना चाहिए, दोनों हाथों को घुटने पर रखकर अपने सिर को जमीन की ओर यथासंभव झुका लेना चाहिए।
– ध्यान रहे कि सिर को जमीन से ना छुआएं ना ही जमीन पर लेटें।

 

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