नक्सली नेता सब्यसाची पांडा को देशद्रोह मुद्दे में मिली उम्रकैद की सजा, हुआ यह

नक्सली नेता सब्यसाची पांडा को देशद्रोह  अवैध तरीका से हथियार रखने के मुद्दे में गंजाम की न्यायालय ने शनिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई. सब्यसाची को पांच वर्ष पहले गंजाम जिले में हिरासत में लिया गया था. सब्यसाची के विरूद्ध ओडिशा के विभिन्न पुलिस थानों में 134 मुद्दे में पंजीकृत थे जिसमें से 52 मामलों में वह विभिन्न अदालतों से बरी किए जा चुके हैं. यह पहला मुद्दा है जिसमें लोकल न्यायालय ने 50 वर्षीय सब्यसाची को दोषी करार दिया.

अलावा सत्र जज एसके साहू ने सब्यसाची को उम्रकैद की सजा के साथ ही 10000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. यह रकम नहीं चुकाने पर उन्हें एक वर्ष की अलावाकारागार की कैद भुगतनी होगी. उन्हें तत्कालीन बेरहामपुर एसपी अनिरुद्ध सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने 18 जुलाई 2014 को बड़ा मार्केट पुलिस स्टेशन के तहत मंगलाबारपेटा स्ट्रीट स्थिति एक घर से हिरासत में लिया था. गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके पास से 800 ग्राम सोने के आभूषण, एक रिवॉल्वर, एक मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड  पेन ड्राइव, लैपटॉप  नक्सली साहित्य जब्त किया था. जुलाई 2014 से ही वह सर्किल कारागार में बंद हैं.

सब्यसाची की विभिन्न जिलों की पुलिस को तलाश थी क्योंकि उनके विरूद्ध कई पुलिस थानों में नक्सल संबंधित मुद्दे पंजीकृत थे. सरकारी एडवोकेट ज्ञानेंद्र नाथ जेना ने बताया कि न्यायालय ने अपना यह निर्णय पुलिस  अन्य समेत 15 गवाहों की गवाही के बाद सुनाया. वहीं सब्यसाची के एडवोकेट ने बोला कि निचली न्यायालयके निर्णय के विरूद्ध वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.

इटली के दो पर्यटकों को अगवा कर चर्चा में आए
सब्यसाची साल 2012 में इटली के दो पर्यटकों को अगवा कर सुर्खियों में आए थे. इनमें से एक को तत्काल छोड़ दिया गया था, जबकि दूसरे को 29 दिन तक बंधक बनाए रखने के बाद रिहा किया था. वह साल 2008 में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती समेत उनके चार सहयोगियों की मर्डर के मुद्दे में भी आरोपित हैं. इसके अतिरिक्तनयागढ़ में 2008 में एक पंजीकृत न से अधिक पुलिसवालों की मर्डर  हथियारों की लूट में शामिल होने का भी आरोप है.

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