वॉलेट कंपनी कर रही है आपको परेशान, देना पड़ेगा एक लाख रुपए तक हर्जाना

डिजिटल भुगतान सेवा देने वाली कंपनी के विरूद्ध शिकायत, मोबाइल वॉलेट से बिना अनुमति के किसी के खाते में पैसा ट्रांसफर हो जाना, बैंक खाते में पैसा जमा नहीं होना, समय पर औनलाइन भुगतान नहीं होना, भुगतान नहीं होने पर भी खाता में पैसा नहीं लौटाना आदि स्थितियों में आप शिकायत पंजीकृत करा सकते हैं. इसके अतिरिक्त यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), हिंदुस्तान बिल पेमेंट सिस्टम, हिंदुस्तानक्यूआर कोड  यूपीआई क्यूआर कोड से जुड़ी शिकायतें भी आप ओम्बड्समैन से कर सकते हैं.

ऑनलाइन-ऑफलाइन पंजीकृत करें शिकायत

अगर आप किसी मोबाइल कंपनी या डिजिटल पेमेंट कंपनी के वॉलेट का प्रयोग कर रहे हैं  आपके साथ धोखाधड़ी होती तो इसकी शिकायत आप लोकपाल से औनलाइन या ऑफलाइन कर सकते हैं. शिकायत करने से पहले आप यह पता करें कि वह क्षेत्र किस ओम्बड्समैन के दायरे में आता है. उसी ओम्बड्समैन के पास शिकायत पंजीकृत कराएं. ऑफलाइन शिकायत पंजीकृत कराने के लिए आपको ओम्बड्समैन के ऑफिस में जाना होगा. वहीं आप औनलाइन घर बैठे शिकायत पंजीकृत करा सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट से आप अपने क्षेत्र के ओम्बड्समैनऑफिस की ई-मेल आईडी प्राप्त कर सकते हैं. आप ई-मेल के जरिये हुई गड़बड़ी का पूरा ब्योरा दे सकते हैं. शिकायत के साथ ही आपको अपना पूराव्यक्तिगत ब्योरा भी देना होगा. इसमें आपका मोबाइल नंबर, नाम, पता आदि का ब्योरा शामिल होगा. वहीं, शिकायत के समर्थन में दस्तावेज को संलग्न करना होगा. विशेषज्ञों के मुताबिक, शिकायत के बाद भी दस्तावेजों का संभाल कर रखना चाहिए क्योंकि, उसकी आवश्यकतालोकपाल में सुनवाई के दौरान पड़ सकती है. दस्तावेज नहीं होने पर दावा करना कठिन होने कि सम्भावना है.

उपभोक्ता फोरम भी है एक विकल्प 

अगर आप सेवा प्रदता कंपनी या ओम्बड्समैन के निर्णय से आप संतुष्ट नहीं होते हैं तो उस स्कीम को लागू करने वाले भारतीय रिजर्व बैंकविभाग के प्रभारी डिप्टी गवर्नर से सम्पर्क कर सकता है. यहां पर आप ओम्बड्समैन के आदेश के विरूद्ध 30 दिनों के भीतर अपील कर सकते हैं.डिप्टी गवर्नर इस समयसीमा को  30 दिन के लिए बढ़ा सकते हैं. ऐसा तब संभव होगा जब उन्हें लगेगा कि शिकायतकर्ता असली कारणों से समयसीमा के अंदर अपील नहीं कर पाया. अगर आपको लगता आपके शिकायत का संतोषजनक हल इन दोनों जगहों पर नहीं निकला है तो आप उपभोक्ता अदालतों का दरवाजा खटखटा सकते हैं. आप शिकायत देने की आरंभ जिला उपभोक्ता फोरम से सकते हैं. जिला फोरम से संतुष्ट नहीं होने पर प्रदेश  फिर राष्ट्रीय आयोग का रुख कर सकते हैं.

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