जानिए अनंत कुमार से जुडी कुछ रोचक बाते
निधन हो गया है। रविवार देर रात करीब दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ महीनों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। अनंत कुमार कर्नाटक के बेंगलुरु साउथ से सांसद थे। वह केंद्र गवर्नमेंट में संसदीय कार्यमंत्री थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री व अपनी कैबिनेट के साथी अनंत कुमार के निधन पर गहरा शोक जाहीर किया है।उन्होंने बोला कि कुमार एक बेहतरीन नेता थे, जो अपने युवा काल में ही सार्वजनिक ज़िंदगी में उतर आए थे। उन्होंने पूरी निष्ठा व लगन के साथ समाज की सेवा की। उन्हें उनके अच्छे कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
1- अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को बेंगलुरु में हुआ था। उन्होंने केएस आर्ट्स कॉलेज से बीए की पढ़ाई की थी। उसके बाद जेएसएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की थी। अनंत कुमार के पास दो जरूरी मंत्रालय थे। उनके पास वर्ष 2014 से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय था। साथ ही जुलाई 2016 में उन्हें संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा भी सौंपा गया था। वह 1996 से बेंगलुरू दक्षिण से लोकसभा सांसद के रूप में चुने जाते रहे।
2- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रभावित होने के कारण, वह अखिल इंडियन विद्यार्थी परिषद के विद्यार्थी विंग के सदस्य थे। इंदिरा गांधी गवर्नमेंट में लगाए गए आपातकाल के दौरान हजारों विद्यार्थी कार्यकर्ताओं के साथ उन्हें कारागार भी जाना पड़ा था।
3- आपातकाल के बाद ही उन्हें एबीवीपी का राज्य सचिव बनाया गया था व वर्ष 1985 में उन्हें एबीवीपी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। इसके बाद वो भाजपा में शामिल हुए व उन्हें इंडियन जनता युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया। वर्ष 1996 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया।
4- 11वीं लोकसभा में यानि 1996 में वो पहली बार बेंगलुरू दक्षिण से लोकसभा सांसद के रूप में चुने गए। ये पहले ऐसे इंडियन नेता थे, जिन्होंने अपनी व्यक्तिगत वेबसाइट लॉन्च की। जनवरी वर्ष 1998 में उन्होंने www.dataindia.com व www.ananth.org. लेकर आए।
5- 1998 में हुए चुनाव में उन्हें फिर से निर्वाचित किया गया व उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में केंद्रीय उड्डयन मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वह उस गवर्नमेंट में सबसे कम आयु के कैबिनेट मंत्री थे।
6- 1999 में उन्हें लगातार तीसरे कार्यकाल में फिर से निर्वाचित किया गया व राष्ट्रीय जनतांत्रिक साझेदारी गवर्नमेंट में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। उन्होंने पर्यटन, खेल व युवा मामलों, संस्कृति, शहरी विकास व गरीबी उन्मूलन जैसे विभिन्न मंत्रालयों को संभाला।
7- साल 2003 में उन्हें भाजपा की कर्नाटक राज्य इकाई के अध्यक्ष बने व राज्य इकाई का नेतृत्व किया जो कि विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई व वर्ष 2004 में कर्नाटक में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें जीती।
8- साल 2004 में उन्हें मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों में पार्टी बनाने में सहयोग देने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया। अनंत कुमार कर्नाटक में भाजपा के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे।
9- संसद के केंद्रीय हॉल में आधी रात को लाए गए ऐतिहासिक GST को उनके राजनीतिक करियर में अहम रूप से गिना जाएगा। सभी पार्टियों में आम सहमति बनाने की उनकी क्षमता, बिल संसद के दोनों सदनों में पारित कराने व 50 फीसदी से अधिक राज्यों को 3 हफ्तों के अंदर इसका समर्थन मिलने के बाद 1 जुलाई 2017 को इसे राष्ट्र में लागू कर दिया गया।
10- कर्नाटक में भाजपा को स्थापित करने में उनका अहम सहयोग माना जाता है। उनके परिवार में पत्नी तेजस्विनी के अतिरिक्त दो बेटियां ऐश्वर्या व विजेता हैं।