विपक्ष ने लोकसभा में नीट पेपर लीक के मामले में सरकार से पूछे सवाल…

Star Express Digital.

लोकसभा में बजट सत्र के पहले दिन की शुरुआत नीट – यूजी परीक्षाओं से जुड़े हुए विवादों को लेकर हुई जिसमें विपक्ष ने सरकार से नीट पेपर लिक के मामले में सवाल पूछे जिसमें सरकार ने कहा कि अभी भी उसमें कोई व्यापक गड़बड़ी नहीं पाई गई है।

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर चल रहे NEET विवाद पर चर्चा की मांग की।
अपने नोटिस में टैगोर ने सदन से आग्रह किया कि वह दिन के सभी सूचीबद्ध कार्यों को स्थगित कर “नीट-यूजी और यूजीसी नेट सहित परीक्षाओं के संचालन में पेपर लीक के अभूतपूर्व मामलों और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की विफलता” पर चर्चा करे।

प्रश्नकाल के दौरान बोलते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने देश की परीक्षा प्रणाली में मौजूद समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया।

उन्होंने कहा, “यह सिर्फ़ NEET का सवाल नहीं है, बल्कि बड़ी परीक्षाओं का भी सवाल है। अब, मंत्री ने खुद को छोड़कर सभी को दोषी ठहराया है। मुझे नहीं लगता कि उन्हें इस बात की बुनियादी बातें समझ में आती हैं कि यहाँ क्या चल रहा है।”
गांधी ने कहा कि इस देश में लाखों छात्र हैं जो इस बात से चिंतित हैं कि क्या हो रहा है और उनका मानना है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली धोखाधड़ी है।

“लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं, अगर आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं, और विपक्ष के रूप में हम भी यही सोचते हैं। यही कारण है कि हम माननीय मंत्री से सरल प्रश्न पूछ रहे हैं। चूंकि यह एक प्रणालीगत मुद्दा है, इसलिए आप इस मुद्दे को प्रणालीगत स्तर पर ठीक करने के लिए वास्तव में क्या कर रहे हैं?” उन्होंने पूछा।

गांधी के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष के नेता के बयान की निंदा की।

उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाएगा… मैं इस बात की निंदा करता हूं कि उन्होंने उस देश की परीक्षा प्रणाली को ‘‘बकवास’’ कहा।’’

जानिए क्या रहा शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का जवाब।

पिछले सात सालों में सत्तर पेपर लीक से जुड़ी घटनाओं के आरोपों से जुड़े सवाल पर प्रधान ने कहा, “पिछले सात सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं है। यह मामला (नीट मामला) अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सारी बातें सामने आ चुकी हैं और सारे सवालों के जवाब मिल चुके हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘एनटीए ने 240 से अधिक परीक्षाएं आयोजित की हैं, इनके लिए पांच करोड़ से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है और साढ़े चार करोड़ से अधिक छात्रों ने सफलतापूर्वक परीक्षा में भाग लिया है।’’

अखिलेश यादव भी नहीं रहे पीछे।

राहुल गांधी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने भी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पेपर लिक मामलों का रिकॉर्ड बना लिया है। उन्होंने कहा, “कुछ केंद्र ऐसे हैं जहां 2,000 से ज़्यादा छात्र पास हुए हैं। जब तक यह मंत्री (शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान) वहां हैं, छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा।”
अखिलेश यादव ने सरकार से संबंधित परीक्षा केन्द्रों से उच्च अंक पाने वाले विद्यार्थियों की सूची तैयार करने को भी कहा। जवाब में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सभी नीट-यूजी अभ्यर्थियों के केंद्रवार परिणाम पिछले तीन दिनों से सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं।
एनटीए ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए परिणाम सार्वजनिक किया था।

शिक्षा मंत्री ने अखिलेश यादव को जवाब देना जारी रखा, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार के सत्ता में रहने के दौरान हुई पेपर लीक की घटनाओं पर उनसे सवाल किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भी छिपा नहीं है कि जब अखिलेश जी की सरकार थी तो उत्तर प्रदेश में कितने प्रश्नपत्र लीक हुए थे।’’

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सदस्य एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि देश में प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता खत्म हो गई है और उन्होंने मांग की कि नीट-यूजी मुद्दे की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित की जाए।
उनका प्रतिवाद करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, “सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और हमने सभी तथ्य सर्वोच्च न्यायालय के सामने रख दिए हैं।”

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