हाथरस सत्संग में बना शवों का पहाड़

एक-दूसरे को कूचलते गए श्रद्धालु, अस्पताल में न बिजली न डॉक्टर उपचार को तड़पते रहे लोंग, तोड़ा दम...

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल.

उत्तर प्रदेश में सत्संग हाथरस से 47 किमी दूर फुलराई गांव में मंगलवार को नारायण सरकार हरी भोले बाबा के चरण की धूल लेने जा रहे लोगो में भगदड़ मचने से 124 से अधिक लोगों की हुई मौत।

हाथरस के सिकंदराराऊ के नेशनल हाइवे स्थित गांव फुलराई में यह हादसा हुआ जब भोले बाबा के काफिले के निकलते समय लोगो में अफरा तफरी मच गई जहा भगदड़ में हाइवे किनारे काफी कीचड़ होने से लोग उसमे फस कर कीचड़ में गिर गए और उनके उपर से भीड़ गुजरती गई।

एक-दूसरे को कुचलते रहे लोग…
यह हादसा मंगलवाल दोपहर करीब दो बजे का है जब बाबा भोले का सत्संग समाप्त हुआ तब लोगों मे उन्हे छूने के लिए उनमें अफरा-तफरी मच गई इसी दौरान भीड़ को काबू करने के लिए स्वयं सेवकों ने लाठी डंडों से भीड़ को धक्का मार के रोकने से कई लोग और महिलाएं गिर गए जिससे पीछे आ रहे लोग उन्हे कुचलते चले गये और वह शवो का पहाड़ बन गया, महिलाओं और बच्चों के चप्पल, सैंडल, पर्स और मोबाइल सड़क किनारे ढेर पड़े दिखाई दे रहे थे।

50 हजार से अधिक लोग हुए थे शामिल…
रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है की सत्संग में बीस हजार श्रध्दालुओं के आने की आशंका थी लेकिन वह पचास हजार से भी ज्यादा लोग मौजूद हुए थे, जिसमें बाबा भोले के सत्संग के बाद उनके चरण की धुल लेने के लिए लोगों मे भगदर मच जाने से 124 से भी अधिक लोगो की मौत हो गई जिन शवो में से महिलाओं और बच्चों के शव अधिक पाये गये और 150 से अधिक लोग घायल हो गये थें।

समय पर नही मिला उपचार, तो थम गई साँसे...
जहां मौके पर तैनात एम्बुलेंस में शवो और घायलों को सिकंदराराऊं के ट्रामा सेंटर और एटा में मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन हादसे के लिए सिकंदराराऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर तैयार नहीं था, जब हॉस्पिटल मे घायलों को लाया गया तो यहां न कोई डॉक्टर और न ही कोई स्टाफ था बिजली भी थी घायल ऑक्सीजन के लिए तड़पते रहे लेकिन यहां ऑक्सीजन तक नही मिला, बिजली न होने के कारण कमरों के पंखे तक नही चले न ही लाइट जली वह अंधेरा छाया हुआ था समय पर उपचार न मिलने से कई लोगो ने अपना वहीं दम तोंड़ दिया।

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