एक बार फिर मुहर्रम को लेकर योगी ने दिया बयान, मुसलमानो को दिया अल्टिमेटम…

भाजपा कार्य समिति की बैठक में योगी आदित्यनाथ ने ताजिया जुलूस को लेकर बयान दिया ।

Star Express Digital.

लखनऊ : भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्यसिमिति की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में मुहर्रम को भी सम्मिलित किया । भाजपा की इस बैठक में अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत बड़ी संख्या में पार्टी के छोटे-बड़े पदाधिकारी शामिल हुए। अभी मुहर्रम का आठवां दिन चल रहा है जिसमें लोग आग के शोलों पर चलते हुए या हुसैन का नारा लगाते हैं जिसके बाद मेंहदी जुलूस निकलता है । संबोधन देते समय योगी आदित्यनाथ ने कहा ‘ याद करिए मुहर्रम के समय में सड़कें सूनी हो जाती थी। आज मुहर्रम आयोजित हो रहा है इसका पता भी नहीं लग रहा। ताजिया के नाम पर घर तोड़े जाते थे, पीपल के पेड़ काटे जाते थे, सड़कों के तार हटाए जाते थे। आज कहा जाता है किसी गरीब की झोपड़ी नहीं हटेगी। आज कहा जाता है सरकार नियम बनाएगी, त्योहार मनाने हैं तो नियमों के अंतर्गत मनाओ नहीं तो घर बैठ जाओ। ये मनमानापन नहीं चल सकता है।’

जानिए क्यों मनाते हैं मुहर्रम…


मुहर्रम इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख दिन है। इस मौके पर ताजिये यानी मोहर्रम का जुलूस निकाला जाता है। इस दिन शिया मुसलमान इमामबाड़ों में जाकर मातम मनाते हैं और ताजिया निकालते हैं। मुहर्रम की 10वीं तारीख को यौम-ए-आशूरा होता है, जो इस साल 17 जुलाई को होगा। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार कर्बला में एक युद्ध के दौरान इस दिन हजरत मुहम्मद के नवासे (नाती) हजरत हुसैन अपने 72 साथियों के साथ शहीद हो गए थे। इसमें उनके 6 महीने के पुत्र हजरत अली असगर भी शामिल थे। तभी से मुसलमान इस महीने में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का गम मनाकर उन्हें याद करते हैं।

“जाति मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं हुआ” – मुख्यमंत्री योगी


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “पीएम मोदी के सबका साथ सबका विकास के नारे के तहत सबको योजनाओं का लाभ मिला है। किसी के साथ जाति मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं हुआ है। 80 करोड़ लोगों को आज भी राशन मिल रहा है। बीजेपी कार्यकर्ता लगातार काम करता रहा है। विपरीत परिस्थितियों में अपनी जान की परवाह किए बगैर लगातार कोरोना जैसी बीमारी में जूझता रहा था।” उन्होंने आगे कहा “कोरोनाकाल में बीजेपी कार्यकर्ता और आरएसएस के लोग जनता की सेवा कर रहा था। उस वक्त किसी अन्य दल के नेता का अता पता नहीं था।”

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