Union Budget 2024: जानिए बजट से जुड़ी हर एक बात, समझें पूरा विश्लेषण।

निर्मला सीतारमण ने 2024 - 2025 बजट पेश किया जिसका सबको इंतेज़ार था। जानें किस वर्ग को मिली कितनी राहत...

Star Express Digital.

 

माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बतौर वित्त मंत्री सातवां तथा तीसरी बार मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया। बजट पेश करते वक्त उन्होंने कहा “ऐसे समय जब दुनिया में अनिश्चिततताएं हैं, भारत की आर्थिक विकास दर एक एक्सेप्शन यानी अपवाद बनी हुई है और आने वाले सालों में भी ऐसा ही रहेगा।” उन्होंने विकसित भारत के लिए बजट की संकल्पना के साथ भारत के संसद में बजट 2024 2025 पेश किया। उन्होंने 2 लाख करोड़ रुपए का एलोकेशन इनकम टैक्स के मोर्चे पर जो कि मिडिल क्लास और नौकरी पेशा लोगों को राहत देनेके लिए तथा रोजगार को बढ़ाने के लिए किया।

बजट में राजनीति झलकती नज़र आई।


वित्त मंत्री ने एनडीए गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों के शासन वाले राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए कई ऐलान किए। वित्त मंत्री ने बिहार के लिए एक्सप्रेसवे, बिजलीघर, हेरिटेज कॉरिडोर और नए हवाई अड्डों जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन करने की घोषणा की। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन बजट में बिहार को यह आर्थिक मदद सब्सिडी या कैश मदद के रूप में नहीं है। इसी तरह, आंध्र प्रदेश के लिए कई एजेंसियों के जरिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आंध्र प्रदेश में तेलुगुदेशम पार्टी (TDP) हाल ही में एनडीए में शामिल हुई है।

जाने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए क्या हुए ऐलान।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा कृषि के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया।
बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का बजट एलोकेशन किया जो देश की (जीडीपी का 3.4 फीसदी है। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ किफायती आवासों के निर्माण के लिए सहायता, छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज सहायता प्रदान की गई है।

रोजगार की चुनौती का सामना करने के लिए क्या किया।


उन्होंने कहा कि 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और दूसरे मौके उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए पांच साल की अवधि में 1.48 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बजट में कंपनियों के लिए इंसेंटिव का प्रावधान किया गया है। इसमें पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने के वेतन का पेमेंट और नौकरी के पहले चार सालों में उनके रिटायरमेंट फंड अंशदान के बारे में ऐलान हैं। एंप्लॉयर को हर एक एक्स्ट्रा कर्मचारी के EPFO योगदान के लिए दो साल के लिए 3000 रुपये हर महीने तक का ‘रिम्बर्समेंट’ शामिल हैं।
शहरी क्षेत्रों में भारत की आधिकारिक बेरोजगारी दर 6.7 फीसदी बताई है भले ही प्राइवेट निजी एजेंसियों के मुताबिक ये कहीं ज्यादा लेवल पर है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्किल में सुधार के साथ छात्रों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम चलाया जाएगा। हायर एजूकेशन के लिए रियायती लोन भी दिया जाएगा।

इंडस्ट्री के लिए ये ऐलान बेहद लाभकारी
मुद्रा लोन योजना के तहत MSME के लिए कर्ज सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की है। 12 इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव और स्पेस सेक्टर के लिए 1000 करोड़ रुपये का कैपिटल फंड स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।

बजट का हिसाब – किताब


बजट में उधारियों को छोड़कर कुल रिसीट 32.07 लाख करोड़ और खर्च 48.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है। नेट टैक्स कलेक्शन 25.83 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। सीतारमण ने कहा कि सरकार का फिस्कल डेफिसिट 2024-25 में जीडीपी का 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है। यह 2024-25 के लिए फरवरी में पेश अंतरिम बजट में अनुमानित 5.1 फीसदी से कम है। इसकी वजह मजबूत टैक्स कलेक्शव और भारतीय रिजर्व बैंक से उम्मीद से ज्यादा डिविडेंड की रकम है। उन्होंने ग्रॉस मार्केट डेट को मामूली रूप से घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया।

टैक्सपेयर्स को मिली राहत।
वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 फीसदी बढ़ाकर 75,000 रुपये करने के साथ नई इनकम टैक्स असेसमेंट सिस्टम चुनने वाले टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स स्लैब में बदलाव किया। उन्होंने कहा कि इससे टैक्सपेयर्स को न्यू टैक्स रिजीम के तहत सालाना 17,500 रुपये तक की बचत होगी। नए टैक्स सिस्टम में टैक्स की दरें कम हैं। हालांकि इसमें मिलने वाली छूट भी न के बराबर है।

जानें बजट की मुख्य बातें एक साथ…


* न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई।
* पेंशनर्स के लिए फैमिली पेंशन पर कटौती 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई।
* वित्त मंत्री ने इक्विटी के फ्यूचर एंड ऑप्शन में सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ा दिया। इस ऐलान के बाद शेयर बाजारों में गिरावट आई।
* न्यू टैक्स रिजीम के तहत कर स्लैब में बदलाव किए। 3-7 लाख रुपये के बीच आय पर 5 फीसदी, 7-10 लाख रुपये के लिए 10 फीसदी, 10-12 लाख रुपये के लिए 15 फीसदी।
* न्यू टैक्स रिजीम में सैलरीड कर्मचारी इनकम टैक्स असेसमेंट में 17,500 रुपये तक की बचत कर पाएंगे।
* कैंसर की तीन दवाओं – ट्रैस्टुजुमैबडेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमाब – को कस्टम ड्यूटी से पूरी तरह छूट दी गई।
* मोबाइल फोन, मोबाइल सर्किट बोर्ड असेंबली और मोबाइल चार्जर पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 15 फीसदी किया गया।
* सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाकर छह फीसदी और प्लैटिनम पर 6.4 फीसदी किया गया।
* शेयरों की रीपरचेज पर होने वाली इनकम पर टैक्स लगाया जाएगा।
* स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स खत्म कर दिया गया।
* विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट टैक्स की दर 40 से घटाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया।
* अपील में पेंडिंग इनकम टैक्स असेसमेंट विवादों के समाधान के लिए ‘विवाद से विश्वास’ योजना’ 2024 लाई जाएगी।
* सभी फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल ऐसेट्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 12.5 फीसदी किया गया।
* लिस्टेड शेयरों से हुए 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर छूट दी गई।
[3:42 PM, 7/25/2024] Sakshi Singh: * ई-कॉमर्स कंपनियों पर टीडीएस की दर एक से घटाकर 0.1 फीसदी की गई।
* विवरण दाखिल करने की तय तारीख तक टीडीएस के पेमेंट में देरी को अपराध की कैटेगरी से हटाया गया।
* इनकम टैक्स असेसमेंट आकलन को तीन साल से पांच साल तक दोबारा खोला जा सकता है। हालांकि यह उसी समय होगा जब बची हुई आय 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा हो।
* सरकार इनकम टैक्स असेसमेंट एक्ट, 1961 की व्यापक समीक्षा छह महीने में पूरी करेगी।
* जीएसटी को आसान और रैशनलाइज बनाया जाएगा ताकि बाकी क्षेत्रों तक इसका विस्तार किया जा सके।
* वित्त वर्ष 2024-25 में फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है जो अगले साल 4.5 फीसदी से कम रहने का अनुमान है।
* बजट में मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेज सहित नौ प्रायोरिटी वाले सेक्टर्स और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नेक्स्ट जेनरेशन के रिफॉर्म का रोडमैप रखा गया।
* कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
* वित्त वर्ष 2024-25 का कैपिटल एक्सपेंडिचर 11.11 लाख करोड़ रुपये तय किया गया।
* बिहार में कुछ सिंचाई और बाढ़ रोकथाम परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का बजट एलोकेशन किया गया।
* बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के जरिए आंध्र प्रदेश को 15,000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता दी जाएगी।
* इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग और पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
* इस बजट में मोबाइल फोन और सोने पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की गई है और कैपिटल गेन टैक्स को सरल बनाया गया है।

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